पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का शायराना अंदाज में सीएम त्रिवेंद्र पर तंज
हरीश रावत ने शायराना अंदाज में सीएम त्रिवेंद्र पर तंज कसे। उन्होंने कटाक्ष को होली से जोड़ते हुए अपने विरोध को यह कहकर कुछ हल्का रंग दे दिया कि बुरा न मानो होली है।
By Sunil NegiEdited By: Updated: Tue, 03 Mar 2020 08:53 AM (IST)
देहरादून, राज्य ब्यूरो। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सोशल मीडिया पर शायराना अंदाज में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत पर तंज कसे। हालांकि उन्होंने कटाक्ष को होली से जोड़ते हुए अपने विरोध को यह कहकर कुछ हल्का रंग दे दिया कि बुरा न मानो होली है। मुख्यमंत्री पर किए गए हमले पर तुंरत भाजपा ने प्रतिक्रिया देते हुए इसे अशोभनीय करार दिया।
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह द्वारा उन्हें रिटायर्ड मुख्यमंत्री कहे जाने पर अपने ही अंदाज में जवाब दिया। उन्होंने कहा कि शायद मुख्यमंत्री को यह बात अच्छी नहीं लगी, जिसमें उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में सत्ता में आने पर आमजन के लिए वह 250 यूनिट तक मुफ्त बिजली देंगे। रावत ने कहा, 'मैं रिटायर्ड हूं लेकिन टायर्ड नहीं हूं।' उन्होंने शायराना अंदाज में सोशल मीडिया में लिखा, 'ए बुतों अच्छा नहीं है, किसी का दिल तोड़ना, कौन पूछेगा तुम्हें, हुस्न के ढल जाने के बाद। हम तो हुस्न के ढल जाने के बाद भी सड़क पर निकलेंगे तो, दो-चार जरूर सीटी बजा देंगे।'
उधर, भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. देवेंद्र भसीन ने हरीश रावत की सोशल मीडिया में की गई पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सत्ता की छटपटाहट में हरीश रावत की कलम कुछ ऐसी फिसली कि उन्होंने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को लेकर अशोभनीय टिप्पणी को ट्वीट कर दिया। उन्होंने भी इसका जवाब शायराना लहजे में दिया, 'नाकामियां तो इश्क का मुकद्दर हैं, तेरी दास्तां में फिर नया क्या है।
कांग्रेस अस्तित्व बचाने के लिए छटपटा रही: भगतभाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत ने गैरसैंण में विधानसभा सत्र आयोजित करने को सरकार का उचित फैसला बताते हुए कहा कि सरकार ने जनभावनाओं का सम्मान किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस अपने अस्तित्व को बचाने के लिए छटपटा रही है।
सोमवार को एक बयान में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने कांग्रेस पर बेवजह के मुद्दों को लेकर राजनीति करने का आरोप जड़ा। उन्होंने विधानसभा सत्र की अवधि बढ़ाए जाने को लेकर कांग्रेस नेताओं की बयानबाजी को हास्यास्पद बताया। उन्होंने कहा कि यदि कांग्रेस लोकत्रांत्रिक मर्यादाओं को लेकर वास्तव में गंभीर है तो उसे विधानसभा सत्र को बिना किसी बाधा के चलने देना चाहिए।
यह भी पढ़ें: विधानसभा सत्र में सरकार को फॉरेस्ट गार्ड भर्ती प्रकरण पर घेरेगी कांग्रेसयदि सत्र में किसी प्रकार की बाधा न आए तो जनता से जुड़े मुद्दों पर सार्थक बहस हो सकती है। उन्होंने कैबिनेट के निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि सरकार ने पर्यटन क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने के लिए संशोधित नीति जारी की है। नई नीति में निवेशकों के लिए बंपर रियायतों का प्रबंधन किया गया है। इससे राज्य में रोजगार व स्वरोजगार के अवसर अधिक पैदा होंगे। उन्होंने सरकार की सराहना करते हुए कहा कि पलायन रोकने व सीमा सुरक्षा को लेकर भी सरकार की प्रतिबद्धता प्रशंसनीय है।
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